Monday, July 4, 2011

LN3.


तेरे साथ में,
क्या कहें हम,
बारिश से हो गए हैं,

की जब होती है...
तो बस वही होती है...
गर जो नहीं होती है...
तो भी एक आस होती है...!

तुम्हे ढूंढे,
की खुद को ढूंढे,
आलम ये है अब,
की आईने में भी,
तुझसे ही गुफ्तगू होती है...!